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किशोरों के लिए योग

किशोरों के लिए योग

योग नवयुवकों को शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने, वजन संतुलित करने में मदद करताहै। योग के द्वारा तनाव, चिंता और अवसारद को समाप्त करें।

बाल्यावस्था और वयस्कावस्था के मध्य का संक्रमण काल बहुत ही चुनौतीपूर्ण होता है। आज भागदौड़ की जिन्दगी में किशारों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, इससे उनके भीतर स्वास्थ्य संबंधित पेरशानियां उत्पन्न होने लगती हैं। अत्यधिक दबाव के चलने इन बीमारियों से बचने के लिए योग काफी सहायक होता है।

अगर किशोर 30-40 मिनट योगा के अभ्यास को अपनी दिनचर्या में शामिल कर ले तो कई परेशानियां स्वतः ही समाप्त होने लगती हैं। वे एक निश्चित दिनचर्या एवं दैनिक जीवन में निश्चित अनुशासन का अभ्यास करेंगे तो परेशानियां धीरे-धीरे स्वयं समाप्त होने लगेंगी। सुबह जल्दी उठना, रात्रि में जल्दी सोना उनकी दिनचर्या में अपने आप शमिल हो जाएगा।

योग से तनाव कम

योग से तनाव कम होता है। यह विषाद के खतरे को भी कम करता है। योग के कुछ अभ्यास जैसे भस्त्रिका प्राणायाम, सूर्य नमस्कार, कुछ तेज गति के अभ्यास तनाव, विषाद को दूर करने में सहायक सिद्ध होते हैं।

ज्यादा खाना मोटापे को आमंत्रण देता है और यह हारमोन्स के असंतुलन से संबधित भी हो सकता है। पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रन्थि का सिन्ड्रोम बढ़ता जा रहा है, यह लड़कियों में किशोरावस्था शुरू होने से पहले दिखाई देता है। इस विकृति की विशेषता महिलाओ में मोटापा, अनियमित महावारी, तथा चेहरे पर अत्यधिक बालों का होना है। सही खान-पान, पयाप्त शारीरिक गतिविधि तथा सकारात्मक मानसिक अभिवृत्ति, योग करने वाले किशारोवस्था की लड़कियों तथा लड़कों के असंतुलन को ठीक कर सकती हैं।

जैसे अधिक खाने से स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न समस्याएं उत्पन्न होती हैं। वैसे ही कम खाना खाने से भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कुछ विकार जैसे-एनोरेक्सिया नर्वोसा और बुलीमिया युवा वर्ग के लोगों में वनज घटाने का परिणाम है। योगाभ्यास, विशेषकर कुछ आसन और प्राणायाम का अभ्यास तथा समुचित आहार से मोटापा संतुलित हो जाता है।

चिंता का कारण व्यवहार से संबंधित है। योगाभ्यास (विशेषकर प्राणायाम) मन पर शांतिदायक प्र्रभाव डालते हैं। किशोर या साधक का मनधीरे-धीरे संतुलित होने लगता है। मन में अत्यधिक तनाव की स्थिति में शैक्षणिक दबाव, माता-पिता की अपनी संतान से अत्यधिक आशाओं के चलते नवयुवकों में अवसाद उत्पन्न होने लगताहै।

कुछ लोग इसके चलते नशा का प्रयोग करने लगते हैं। नशे को गिरफ्रत में न जाकर युवक योग की शरण में आयें तो इससे चिंता तथा अवसाद कम हो जाता है।

योग नवयुवकों को शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने, वजन संतुलित करने में मदद करताहै। योग के द्वारा तनाव, चिंता और अवसारद को समाप्त करें।